दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति ने अनुशासन और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक समिति का गठन किया है। समिति विशेष रूप से कल यानी 27 जनवरी की घटना की जांच कर करेगी। कमेटी अपनी रिपोर्ट सोमवार शाम पांच बजे तक देगी।

इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर शुक्रवार दोपहर बाद जमकर हंगामा हुआ था। वाम संगठन एसएफआई, आइसा, एयूडी, केरल स्टूडेंट ग्रुप से जुड़े कार्यकर्ता नॉर्थ कैंपस में डॉक्यूमेंट्री नहीं देखने देने के विरोध में प्रदर्शन किया। वहीं, कुछ अन्य वाम संगठन से जुड़े छात्रों व एनएसयूआई ने इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का आह्वान किया था। भीम आर्मी से जुड़े कार्यकर्ता भी वहां पहुंचे थे।

आर्ट फैकल्टी स्थित गेट-4 पर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग लैपटॉप पर करने का प्रयास किया गया। कैंपस में मौजूद ने छात्रों को वहां से हटाकर पुलिस ने धारा-144 लगा दी। इससे पहले डीयू की ओर से इस प्रस्तावित स्क्रीनिंग को लेकर पुलिस को सूचना दे दी गई थी। कई संगठनों के छात्र अलग-अलग समय पर आते रहे। इस दौरान उनकी पुलिस से नोकझोंक व हाथापाई होती रही। पुलिस सभी को हिरासत में लेकर वहां से हटाती रही। उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने बताया कि पुलिस ने 24 छात्रों को हिरासत में लिया था, जिन्हें शाम को छोड़ दिया गया।