​​क्या आपने पहले सुना कोई व्यक्ति सुई से, मेहंदी कोन से, कार्बन पेपर से, कील से, करेक्शन पेन से, लकड़ी के पेन से मैजिक शीट पर किताब लिख सकता हैं तो आप गर्व से कह सकते हैं एक  भारतीय ने ये काम कर दिया हैं 17 पुस्तकें हाथ से लिखना वाक़ई एक अनोखा काम हैं और वो भी अलग अलग तरीक़े से ….आपने "mirror Image Man"  नाम अवश्य सुना होगा । जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ पीयूष जी गोयल (नोयडा ,दिल्ली) की; जिन्होंने अपनी अद्भुत विलक्षण प्रतिभा के दम पर विश्व भर में भारत वर्ष का मान बढाया है। 

माँ शारदा के वरद पुत्र  पीयूष जी गोयल दर्पण छवि के लेखक है , अब तक आप सन 2003 से 2022 तक १७ पुस्तकें दर्पण छवि में लिख चुकें है। पीयूष गोयल द्वारा  सर्वप्रथम श्रीमद्भगवत गीता के सभी 18 अध्याय (700 श्लोक) हिंदी व इंग्लिश भाषा मे दर्पण छवि के रूप में लिखा गया है।

दर्पण छवि लेखन में अनोखे अद्वितीय प्रयोग किये गए है। 

हरिवंशराय बच्चन जी की मधुशाला को दर्पण छवि में सुई से लिखा है।

रवीन्द्रनाथ टेगोर जी कृत गीतांजलि को  दर्पण छवि में मेहंदी कोण से लिखा है।

इतना ही नही आदिकाल के प्रसिद्ध कहानीकार विष्णु शर्मा की पञ्चतन्त्र पुस्तक को  कार्बन पेपर से लिखा है। 

पूर्व प्रधानमंत्री और कवि  श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी कृत "मेरी इक्यावन कविताएं" को मैजिक शीट पर लकड़ी के पेन से लिखा है।

साथ ही स्वलिखित पुस्तक "पीयूष वाणी" को आपने फेब्रिक कोन लाईनर से लिखा है। 

देशभर में अनेकों संस्थाओ और मंचो पर सम्मानित हुए है। कई पत्र पत्रिकाओं में इनकी अद्भुत कला को मान मिला है ।  विशेष अवसरों में आग्रह पर  प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को अद्भुत कला निहारने का अवसर दिया है। कई विद्यालयों के छात्र -छात्राओं को दर्पण छवि लेखन के प्रति जाग्रत किया है, कई मंचों पर मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में लोगों की जिज्ञासा पूर्ण की है।

 

 

 

-सत्यवान 'सौरभ'

न्यूज़ सोर्स : wewitness mag.