कानपुर । श्रीराम की नगरी अयोध्या धार्मिक नगरी होने की वजह से जमीन खरीदने वालों के लिए पहली पसंद बन चुका है। इससे अयोध्या विकास प्राधिकरण की आय में भारी उछाल आया है। अगस्त 2020 तक जहां इसकी आय लक्ष्य का 29.94 फीसदी थी, वह मार्च 2022 में 99.82 फीसदी तक पहुंच चुकी है। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण से पहले विकास प्राधिकरण का दायरा 3556.86 हेक्टेयर था, लेकिन जरूरतों के आधार पर इसे बढ़ाकर 8959.333 हेक्टेयर कर दिया गया। इन क्षेत्रों में आवासीय के साथ व्यवसायिक, होटल व उद्योग लगाने के लिए जमीनें मुहैया कराई जा रही हैं। शासन के एक अधिकारी का कहना है कि अयोध्या में अच्छी योजनाएं आने से जमीन लेने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद को आवास विभाग आय अर्जित करने का लक्ष्य देता है। जमीनों की बिक्री और बड़ी योजनाओं से आने वाले विकास शुल्क से आय का आकलन होता है। समीक्षा में आया है कि आय अर्जित करने के मामले में अयोध्या ने लखनऊ, गाजियाबाद और कानपुर जैसे शहरों को पीछे ढकेल दिया है। टॉप पांच शहरों में अयोध्या पहले स्थान पर है।