छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी और रागी फसलों की सरकारी खरीदी अब 15 फरवरी तक होगी। इन फसलों की खरीदी के लिए 31 जनवरी तक की समय-सीमा तय हुई थी। प्रदेश में बेमौसम बरसात की वजह से मिंजाई में हुई देरी हुई। ऐसे में किसानों के लिए तय समय के भीतर फसल बेचना लगभग असंभव हो गया था। छत्तीसगढ़ में वन क्षेत्रों के किसान परम्परागत रूप से कोदो, कुटकी तथा रागी जैसे मोटे अनाज का उत्पादन करते हैं। इसको बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इनको समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला किया था। इसके तहत सरकार तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से कोदो-कुटकी और 3377 रुपए प्रति क्विंटल की दर से से रागी की खरीदी कर रही है। राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला ने बताया, प्रदेश में अब तक लगभग ढाई करोड़ रुपए मूल्य की सात हजार 799 क्विंटल कोदो, कुटकी तथा रागी की खरीदी हो चुकी है। इनमें पांच हजार 990 क्विंटल कोदो, एक हजार 112 क्विंटल कुटकी और 697 क्विंटल रागी शामिल है। सरकार की योजना इस अनाज का वैल्यू एडिशन कर प्रदेश की पोषण और सार्वजनिक वितरण प्रणाली जैसी योजनाओं में शामिल करने की है। पौष्टिकता और सेहत के लिए फायदेमंद गुणों की वजह से बाजार में मिलेट की मांग बढ़ी है। लेकिन पर्याप्त मूल्य और बाजार नहीं होने की वजह से छत्तीसगढ़ में इनका उत्पादन घट रहा था। फरवरी 2021 में राज्य कैबिनेट ने कोदो-कुटकी और रागी का समर्थन मूल्य घोषित किया। उसके बाद राज्य लघु वनोपज संघ के जरिए इसकी खरीदी शुरू की गई।