Chanakya Neeti : चाणक्य नीति प्राचीन भारत के महान रणनीतिकार, विद्वान, शिक्षक, सलाहकार और अर्थशास्त्री चाणक्य द्वारा लिखी गई थी। मौर्य वंश की सफलता के पीछे चाणक्य की ही कूटनीति थी। चाणक्य को न केवल राजनीति बल्कि समाज के हर विषय का भी गहन ज्ञान और अंतर्दृष्टि थी। चाणक्य नीति में कई ऐसी बातें बताई गई हैं, जिसका अगर व्यक्ति ने अनुसरण किया तो वह कभी भी निराश नहीं रहता। चाणक्य नीति के अनुसार मनुष्य को जीवन में अपने दुश्मनों की पहचान आनी चाहिए। हमारे आसपास कुछ ऐसे लोग भी रहते हैं, जो दुश्मन से भी खतरनाक होते हैं।आइए जानते हैं ऐसे कौन से लोग हैं जिनसे दूरी बनानी आवश्यक है। 

किन लोगों से बनानी चाहिए दूरी 
आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक के माध्यम से इस बात की जानकारी दी है कि जीवन में किन दुश्मनों से गलती से भी मदद नहीं लेनी चाहिए। श्लोक इस प्रकार है-
नैव पश्यति जन्मान्धः कामान्धो नैव पश्यति ।
मदोन्मत्ता न पश्यन्ति अर्थी दोषं न पश्यति ।।

भावार्थ- जिस प्रकार जन्म से अंधा व्यक्ति कुछ नहीं देख सकता, ठीक उसी  प्रकार काम व क्रोध नशे में चूर व्यक्ति इसके सिवा और कुछ नहीं देखता है। वहीं स्वार्थी व्यक्ति भी किसी में कोई दोष नहीं देखता है। उसके लिए सभी एक समान है. इसलिए जो व्यक्ति स्वार्थ में लिप्त है उससे कभी दोस्ती नहीं रखनी चाहिए। 

क्रोधी व्यक्ति से रहें दूर 
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति क्रोधी होते हैं और कामी होते हैं या कह लीजिए काम और क्रोध के नशे में होते हैं उनकी गलती से भी मदद नहीं लेनी चाहिए। ऐसे लोग अपनी इच्छापूर्ति के लिए दूसरे को हमेशा नुकसान पहुंचाते हैं। उन्हें ऐसा करने से खुशी मिलती है। ऐसे लोगों की दुश्मनी भी ठीक नहीं है। 

ईर्ष्यालू लोगों से दूरी 
चाणक्य के नीति शास्त्र के अनुसार जो व्यक्ति दुष्ट और लालची होते हैं वह दूसरों की उन्नति देखकर जलते हैं इसिलीये ऐसे लोगों की जीवन में काभी मदद नहीं लेनी चाहिए। ऐसे लोग ऊपर से जरूर दिखाएंगे कि वह आपकी मदद कर रही हैं लेकिन अंदर ही अंदर आपके काम को खराब करने का प्रयास करेंगे।

स्वार्थी व्यक्ति से रखें दूरी
चाणक्य नीति के अनुसार स्वार्थी व्यक्ति जीवन में अपने लाभ के अलावा किसी भी बात का विचार नहीं करता है। और अपने स्वार्थ के लिए दूसरों को फंसा देते हैं। इसलिए इनसे दूर रहने में ही भलाई है। ऐसा व्यक्ति जीवन में आपकी कभी भी मदद नहीं करेगा बल्कि अपना लाभ ही ढूंढेगा।