महा शिवरात्रि की शाम छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और संतों की मौजूदगी में राजिम माघी पुन्नी मेले का समापन हुआ। मंगलवार की शाम प्रदेश के इस मशहूर तीर्थ स्थल को एक खास सौगात भी मिली। यहां नदी के बीच में बने लक्ष्मण झूले (सस्पेंशन ब्रिज) का मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया। शिवरात्रि की शाम इस ब्रिज में की गई लाइटिंग्स के साथ बेहद खूबसूरत नजारा देखने को मिला। 1200 साल से राजिम में पुन्नी मेला लगता रहा है। तब छोटे स्तर पर ग्रामीण ही कार्यक्रम किया करते थे। ये पहला मौका है जब नदी के बीच में बड़ी-बड़ी केबल के सहारे एक ब्रिज तैयार किया गया है इसका बीच का हिस्सा हावड़ा ब्रिज के डिजाइन से प्रेरित है, इसमें दो बड़े आर्च हैं जो इसे बेहद खास लुक दे रहे हैं।

इस ब्रिज के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि संगम के समीप बने इस झूले से राजिम के राजीव लोचन मंदिर से कुलेश्वर महादेव मंदिर और लोमश ऋषि आश्रम आपस में जुड़ जाएंगे। धार्मिक और आध्यात्मिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध राजिम के लिए लक्ष्मण झूला एक बड़ी सौगात है। 33.12 करोड़ रूपए की लागत से तैयार किए गए इस पुल को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। बघेल ने नए मेला स्थल के लिए 54 एकड़ जमीन भी स्वीकृत करने की बात कही। उन्होंने कहा कि राम वन गमन पथ का राजिम एक महत्वपूर्ण पड़ाव है यहां लगातार विकास कार्य किए जाएंगे।इस सस्पेंशन ब्रिज की चौंडाई 3.25 मीटर है तथा लंबाई 610 मीटर है। अब बारिश के दिनों में जब नीचे नदी का बहाव होगा लोग ऊपर पुल का इस्तेमाल कर मंदिर जा सकेंगे। राजिम माघी पुन्नी मेले के समापन कार्यक्रम में धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, राजिम विधायक अमितेश शुक्ल, अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू मौजूद रहे।