छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर बॉर्डर पर दो इनामी नक्सलियों को ढेर करने वाले CRPF के असिस्टेंट कमांडेंट नरपत जयपाल को पुलिस वीरता पदक से नवाजा गया है। 26 जनवरी के खास मौके पर राष्ट्रपति ने उन्हें ये सम्मान दिया है। 3 साल के बाद आखिरकार यह सम्मान नरपत जयपाल की बहादुरी पर उन्हें मिला है। इसके पहले साल 2019 को राष्ट्रपति ने उन्हें राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजा था। नरपत जयपाल राजस्थान के लोहावट के रहने वाले हैं। उन्होंने CRPF की कोबरा 204 बटालियन में बीजापुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाके गंगालूर, तर्रेम इलाके से अपनी नौकरी की शुरुआत की थी। साल 2014 से 2016 तक गंगालूर नक्सलगढ़ इलाके में नक्सलियों के खिलाफ चलाए अभियान में बड़ी सफलताएं हासिल की। मुठभेड़ों में नक्सलियों को मार गिराया था उन्हें ये 2018 में सम्मान सुकमा-बीजापुर बॉर्डर पर दो इनामी नक्सलियों को ढेर करने के लिए दिया गया है।

नरपत जयपाल ने दैनिक भास्कर को बताया कि, 4 जनवरी 2018 की घनी अंधेरी रात में कोबरा की 2 टीम लेकर देश में अमन और शांति बनी रहे, इसी मकसद से बीहड़ों की खाख छानने निकले थे। नदी नालों, पहाड़ों को पारकर पूरी रात सिर्फ चलते रहे। ठिठुरती ठंड और कोहरा के बीच सर्चिंग कर रहे थे। सुबह सूर्योदय से पहले लगभग 4 बजे सामने से बिना किसी चेतावनी के नक्सलियों ने टीम पर अंधाधुंध गोलाबारी शुरू कर दी। एकाएक हुए हमले से पहले तो अपने आपको और टीम को संभाला, फिर भारत माता की जय बोलकर ईंट का जवाब पत्थर से दिया गया। थोड़ी ही देर में नक्सली शांत हो गए। फिर घटनास्थल की तलाशी में 8 -8 लाख रुपए के 2 इनामी नक्सली नक्सलियों का शव बरामद किया गया। साथ ही 3 हथियार भी बरामद किए गए। जमीनी लड़ाई के बाद कागजी कार्रवाई शुरू हुई।