लखनऊ | ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के माध्यम से 17 लाख करोड़ रुपए का निवेश जुटाने के लिए संकल्पित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी दूरदर्शी सोच और प्रदेश को तरक्की की ओर ले जाने के अपने विजन का एक और उदाहरण पेश किया है। मुख्यमंत्री योगी ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से एक माह पहले ही करीब-करीब 15 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त कर लिए हैं। सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि सरकार ने 10 जनवरी 2023 तक करीब 10 लाख करोड़ रुपए के एमओयू भी साइन कर लिए हैं। यह वही राशि है जिसे पहले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 का लक्ष्य बनाया गया था। हालांकि, विदेशों में मिले बेहतरीन रिस्पॉन्स के बाद लक्ष्य को 10 लाख करोड़ से बढ़ाकर 17 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया। अभी देश के विभिन्न शहरों और प्रदेश के मंडल मुख्यालयों व कई जिलों में रोड शो/इन्वेस्टर्स समिट होना बाकी हैं। इसे देखते हुए पूरी संभावना है कि प्रदेश सरकार संशोधित लक्ष्य को भी पूर्णतः प्राप्त कर लेगी और इतिहास रचेगी।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप प्रदेश को देश का ग्रोथ इंजन बनाने की दिशा में ठोस प्रयास करते हुए आगामी 5 वर्षों में यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया है। इसी लक्ष्य की पूर्ति के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है।विदेशों में हुए रोड शो में यूपी के प्रतिनिधिमंडलों को मिले जबर्दस्त रिस्पॉन्स के बाद प्रदेश सरकार की ओर से सभी विभागों को निवेश जुटाने के लिए नए टारगेट दिए गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार 10 जनवरी तक सरकार ने 9.10 लाख करोड़ रुपए के एमओयू साइन कर लिए हैं। प्रदेश सरकार के दो विभागों ने एमओयू के माध्यम से सबसे ज्यादा निवेश हासिल किया। डिपार्टमेंट एडिशनल सोर्सेज ऑफ एनर्जी को 60 हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य मिला था, लेकिन विभाग ने लक्ष्य से तीन गुना अधिक 1.73 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू साइन किए हैं। इसी तरह यूपीसीडा को एक लाख करोड़ रुपए का संशोधित लक्ष्य मिला था और उसने एक लाख करोड़ से ज्यादा के एमओयू करने में सफलता प्राप्त की है।