दुबई । पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोहफे में मिली एक बेशकीमती घड़ी कम दाम में मात्र 20 लाख डॉलर में खरीदी। यह खुलासा किया है घडी खरीदने वाले दुबई के कारोबारी ने। मालूम हो कि इमरान खान को यह घड़ी सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दी थी। 
दुबई के इस कारोबारी का नाम उमर फारूक जहूर है। उनका दावा है कि इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी की एक करीबी फराह खान से उनकी दुबई में मुलाकात हुई थी, जिसके बाद उन्होंने यह घड़ी खरीदी।उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, पीटीआई सरकार 40 से 50 लाख डॉलर में यह घड़ी बेचना चाहती थी। लेकिन बातचीत के बाद मैंने यह घड़ी 20 लाख डॉलर में खरीद ली। उमर ने बताया कि फराह खान के कहने पर ही नगद पैसा दिया गया। पाकिस्तान में 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को अपने आधिकारिक विदेशी दौरों के दौरान अमीर अरब मुल्कों से महंगे तोहफे मिले थे, जिन्हें तोशाखाना में जमा करा दिया गया था। उमर ने बाद में इन्हीं तोहफों में से एक महंगी घड़ी कम दाम पर खरीद ली। 
पाकिस्तान के चुनाव आयोग के मुताबिक, सरकार के खजाने में शामिल कए गए इन महंगे तोहफों में एक ग्राफ रिस्टवॉच, कफलिंग, एक महंगा पेन, अंगूठी और चार रॉलेक्स घड़ियां शामिल हैं, जिन्हें पूर्व सरकार ने बेच दिया था।तोशाखाना कैबिनेट का एक विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों, राष्ट्रप्रमुखों और विदेशी मेहमानों द्वारा दिए गए बेशकीमती उपहारों को रखा जाता है। नियमों के तहत किसी दूसरे देशों के प्रमुखों या गणमान्य लोगों से मिले उपहारों को तोशाखाना में रखा जाना जरूरी है।इमरान खान 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे। उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे। इमरान खान ने बाद में तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया।
 इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बकायदा कानूनी अनुमति दी थी।पूर्व प्रधानमंत्री ने सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग को बताया था कि राज्य के खजाने से इन गिफ्ट्स को 2,15 करोड़ रुपए में खरीदा गया था और इन्हें बेचकर उन्हें करीब 5,8 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। उन्हें कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भी बेशकीमती गिफ्ट मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करा दिया था।