वाराणसी| पर्यावरण हितैशी अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने पर लगातार जोर है। इसी क्रम में काशी के जलकल विभाग ने एक सोलर ट्री लगाया है जिससे विभाग रोजाना 2 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगा। विभाग का दावा है कि इस ट्री से विभाग का बिजली का बिल आधा हो जायेगा। वाराणसी जलकल विभाग पानी सप्लाई करने के साथ ही अब बिजली का भी उत्पादन करेगा। इसके लिए वाराणसी जल संस्थान परिसर में बड़े पैमाने पर सोलर पैनल लगाया जा रहा है, जिससे विभाग बिजली की बचत के साथ ही ग्रिड को बिजली बेच भी सकेगा।

जल निगम के अधिशासी अभियंता शहरोज दोस्त ने बताया कि सरकार सभी सरकारी विभागों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तेजी से काम कर रही है। वाराणसी के जलकल विभाग में सौर ऊर्जा को लेकर बड़ा काम हो रहा है। जल निगम बड़े पैमाने पर सोलर पैनल लगाया जा रहा है। इससे विभाग सिर्फ बिजली ही नहीं बचाएगा, बल्कि इसे बेचेगा भी। इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 19 करोड़ रुपया है। इसमे 14,400 स्क्वायर मीटर में करीब 3700 से अधिक सोलर पैनल लगाए गए हैं। इसमें 40 सोलर ट्री हैं। एक सोलर ट्री पर 10 सोलर पैनल लगे होंगे। यहां सौर ऊर्जा से कुल 2 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।

उन्होंने बताया कि भदैनी पंप हाउस भेलूपुर जलकल का महीने का बिजली का बिल 24 लाख रुपए आता है, जो सोलर से उत्पादित बिजली को ग्रिड में बेचने के बाद आधा हो जायेगा। यानी जलकल विभाग को सिर्फ लगभग 12 लाख रुपया प्रति महीने ही बिल चुकाना पड़ेगा। सोलर पैनल से प्रतिदिन औसतन 7000 यूनिट बिजली पैदा होगी, जिसकी कीमत लगभग 56,000 रुपए होगी। ग्रिड में जाने के बाद विभाग नियमनुसार बिल का एडजस्टमेंट करेगा। अधिशासी अभियंता ने बताया कि सोलर ऊर्जा पर किये जा रहे खर्च की लागत 6 से 7 सालों में निकल आएगी, उन्होंने बताया कि टेस्टिंग के बाद सोलर से बिजली का उत्पादन दिसंबर के अंत तक शुरू हो जाएगा।