चीन ने तिब्बत में उनके नए साल लोसर  पर आयोजित होने वाले धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है | तिब्बती अपने नए साल लोसर पर आयोजन नहीं कर पा रहे हैं | हांगकांग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को तिब्बती राष्ट्रीयता से चिढ़ है | मानवाधिकारों के दमन के लिए बदनाम ड्रैगन वन चाइना पॉलिसी को लेकर कट्टर है और इस प्रतिबंध को भी चीन की इसी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है | लोसर मनाया जाता तो तिब्बत की रंगत ही कुछ और होती, लेकिन चीन के प्रतिबंध के कारण सारा रंग फीका पड़ा हुआ है | बहरहाल, हम आपको बता रहे हैं, लोसर महोत्सव के बारे में |

तिब्बत की भाषा में लोसर का मतलब नया साल होता है | तिब्बतियों के लिए लोसर से ही उनके नए साल की शुरुआत होती है | लोसर तिब्बत का सबसे खास धार्मिक उत्सव है, जिसे तिब्बती बौद्ध समुदाय के लोग दिवाली की तरह मनाते हैं | इस अवसर पर तिब्बती मूल के लोग लोसर पर्व पर रंग-बिरंगे परिधान पहनते हैं और तरह-तरह के धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं | लोग अलग-अलग समूहों में नृत्य भी करते हैं |

तिब्बत में करीब 15 दिनों तक आयोजन चलता है | लोसर पर तिब्बत की देवी वाल्डेन ल्हामो की आराधना की जाती है | इस दौरान तिब्बती बौद्ध अपने घरों को अलग-अलग रंगों से सजाते हैं | तिब्बती समुदाय अपनी खास परंपराओं के जरिए नए साल का स्वागत करता है |

दिवाली की तरह ही लोसर पर्व पर बौद्ध अनुयायी अपने घरों को दिये से सजाते हैं | इस अवसर पर कई सांस्कृतिक उत्सव मनाए जाते हैं | लोग अपने परिवार के सदस्यों की समाधि पर जाते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं |

तिब्बती परंपरा में हर साल आध्यात्मिक पर्व का आयोजन किया जाता है | तिब्बती समुदाय इस पर्व के दौरान अपने-अपने आराध्य देवताओं की प्रार्थना करते थे और पूर्वजों को याद करते थे | धीरे-धीरे इसे महोत्सव के तौर पर मनाया जाने लगा |

 

तिब्बत की संस्कृति को समझने के लिए लोसर महोत्सव में शामिल होना बहुत ही मददगार साबित होता है | इस दौरान बच्चे, बूढ़े, पुरुष और महिलाएं सभी अपने पारंपरिक परिधानों में नजर आते हैं | महोत्सव के दौरान घरों, मठों और पहाड़ियों के ऊपर रंगीन झंडे और पताके फहराए जाते हैं |

इस महोत्सव के दौरान तिब्बतीअपनी सांस्कृतिक गतिविधियां प्रदर्शित करते हैं | बता दें कि हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ हिस्सों में रहने वाला तिब्बती समुदाय इस पर्व को मनाता है | हालांकि इस वर्ष ड्रैगन तिब्बतियों को लोसर महोत्सव नहीं मनाने दे रहा है | अपनी ही जमीन पर तिब्बती ये उत्सव नहीं मना पा रहे हैं |