काशी (Kashi) को धार्मिक शहर कहा जाता है. इसकी गिनती पुराने शहरों में होती है. कई धार्मिक ग्रथों में इस शहर का वर्णन किया गया है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, किसी समय में यह भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का नगर था. कहा जाता है कि भगवान शिव (Lord Shiva) ने ब्रह्मा जी से काशी (Varanasi) मांगी ली. उसी समय से काशी बाबा की नगरी के नाम से जाना जाने लगा. इस समय काशी में बाबा विश्वनाथ का मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) मौजूद है, जो कि प्रचीन काल से है. काशी विश्वनाथ मंदिर से कुछ दूरी पर मां अन्नपूर्णा का मंदिर है. आइए जानते हैं माता अन्नपूर्णा मंदिर के बारे में. 

मां अन्नपूर्णा मंदिर (Annapurna Temple Varanasi)
भोलेनाथ की नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर से कुछ ही दूरी पर मां अन्नपूर्णा का मंदिर अवस्थित है. इस मंदिर में मां अन्नपूर्णा की मूर्ति स्थापित है. यहां मां अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है. मान्यता है कि रोजाना मां अन्नपूर्णा की विधिवत पूजा करने से जीवन में अन्न की कमी नहीं होती है. मां अन्नपूर्णा मंदिर की खास बात है कि यहां मां अन्नपूर्णा रसोई में हैं. वहीं मंदिर परिसर में कई प्रतिमाएं स्थापित हैं. जिनमें मां पार्वती, माता काली, भगवान शिव सहित अन्य देवी-देवता मौजूद हैं. यहां प्रत्येक साल अन्नकूट उत्सव मनाया जाता है. इस दौरान देशभर से भक्त माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

मां अन्नपूर्णा की कथा
कहा जाता है कि किसी समय धरती पर अन्न की किल्लत हो गई. इसके भू-लोग पर हाहाकार मच गया. उस समय लोगों ने त्रिदेव की उपासना करके उसने अन्न संकट को दूर करनी की प्रार्थना की. मान्यता है कि उसके बाद मां पार्वती भगवान शिव के साथ पृथ्वी लोक पहुंचीं. जिसके बाद मां पार्वती ने माता अन्नपूर्णा का रूप धारण कर भगवान शिव को दान में अन्न दिया. भगवान शिव में उस अन्न को पृथ्वी वासियों में वितरित कर दिया. तब जाकर पृथ्वी से अन्न का संकट खत्म हुआ.