दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए परिवहन विभाग ने एक बार फिर दिल्लीवासियों से अपने वाहनों का वैध नियंत्रित प्रदूषण प्रमाण पत्र रखने का आग्रह किया है। इलेक्ट्रिक वाहनों को छोड़, एक साल से पहले पंजीकृत सभी वाहनों के पास प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। परिवहन विभाग की तरफ से उन वाहनों का चालान किया जाएगा, जिनके प्रमाण पत्र की अवधि खत्म हो चुकी है। ऐसा न करने पर वाहन मालिकों पर मोटर चालक अधिनियम, 1980 की धारा 190 (2) के तहत चालान किया जाएगा। पीयूसीसी न होने पर तीन माह कारावास, 10 हजार जुर्माना या दोना किया जा सकता है। साथ ही तीन महीने के लिए उनके लाइसेंस को अयोग्य करार दिया जाएगा। इस सूचना के मुताबिक एक साल से अधिक पुराने वाहन के लिए प्रमाण पत्र अनिवार्य है।