एनसीआर, ३ मार्च २०२३ : सुपरिचित कथाकार और समीक्षक, डॉ. कृष्ण लता सिंह की पुस्तक "मेरी यात्रा : सैन्य धर्म के कुछ दस्तावेज़" का विश्व पुस्तक मेला २०२३ में दिनांक २ मार्च २०२३ को भव्य विमोचन हुआ तथा इस विमोचन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी और सैन्य अधिकारी उपस्थित थे। अपने सैन्य अधिकारी पति के स्थानांतरण होने पर  डॉ. कृष्ण लता सिंह उनके साथ जहाँ-जहाँ गईं, उन्होंने न केवल वहाँ के लोगों के अनुभवों को साझा किया अपितु वह अपने पति तथा उनके सहकर्मियों के जोखिम-भरे राष्ट्र-सेवा-अभियानों की प्रत्यक्ष साक्षी भी रही हैं। यह यात्रा-वृत्तांत कथात्मक शैली में लिखा गया है तथा इसे स्वयं प्रकाशक ने संस्मरणात्मक उपन्यास के रूप घोषित किया है। नि:संदेह, यह एक औपन्यासिक कृति है जो लेखिका के व्यापक अनुभवों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है। 

 

राष्ट्र-सेवा के लिए अर्पित सैन्य जीवन संघर्ष, पीड़ा, भय और अनिश्चितता से भरा होता है जो इस पुस्तक के कथानक के केंद्र में हैं। लेकिन, इन सबके बावजूद, लेखिका की भाषा-शैली उनके अंतर्भूत अनुभवों को बड़ी मार्मिकता से व्यक्त करती है। जिज्ञासा तो आद्योपांत बनी रहती है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के पूर्व मुख्य अभियंता अजय सिंह तोमर बताते हैं कि उपन्यास की भाषा परिमार्जित पर सरल है। घटनाक्रम रोचकता के साथ तरल गति से आगे बढ़ता है जो सैन्य जीवन के बाबत निर्मित निर्मूल भ्रांत धारणा को खंडित करते हुए सैन्य जीवन की सही तस्वीर स्थापित करता है। 

शिक्षिका रह चुकी डॉ. सिंह ने अनेक कहानी-संग्रह, उपन्यास और संस्मरण लिखे हैं तथा वह 'हिंदी गौरव', 'महादेवी वर्मा' जैसे सम्मानों से अलंकृत भी हैं। 

विमोचन समारोह में उपस्थित व्यक्तियों में प्रमुख थे-ब्रिगेडियर रणबीर सिंह, कल्पना चौधरी (डिप्टी चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ), कल्पना चौधरी (लेफ्टिनेंट जनरल जे बी चौधरी की धर्म पत्नी), वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मनोज मोक्षेन्द्र, अरविंद कुमार, नैना कुशवाहा, विंग कमांडर सत्यं कुशवाहा, प्रकाशक कौशल गोयल और डॉ. अनुपमा एवं वीणा द्विवेदी। 

यह पुस्तक 'पीजन एन्ड जी बी डी बुक्स' द्वारा प्रकाशित की गई है। विमोचन समारोह के समापन पर सभी उपस्थितों ने लेखिका के प्रति शुभकामनाएं प्रेषित कीं और उनकी सृजन-यात्रा के सतत चलते रहने की कामना की।

 

(प्रेस विज्ञप्ति) 

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