वाराणसी  श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह नई तकनीकी से लैस होगी। रेड व यलो जोन नए सिरे से निर्धारित होंगे। वहीं ड्रोन हमले से बचाव के भी मुकम्मल उपाय किए जाएंगे। इसके लिए अधिकारियों की एक कमेटी गठित कर दी गई है। इसी कमेटी के चुनिंदा अधिकारी आंध्र प्रदेश स्थित तिरुपति बाला जी व गुजरात के गांधी नगर के अक्षरधाम मंदिर अध्ययन के लिए जाएंगे। फीडबैक जो भी मिलेगा, उसे विस्तृत प्लान में शामिल करेंगे।

कमिश्नर दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में सोमवार को कमिश्नरी सभागार में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम को लेकर स्थानीय सुरक्षा समिति की बैठक हुई। इसमें विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि इसमें मंदिर की पुरानी सुरक्षा व्यवस्था को नक्शे के जरिए जांचा गया। इसके बाद श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की सुरक्षा का आकलन किया गया। पुरानी व्यवस्था के तहत रेड जोन, यलो जोन की सीमा गलियों के तहत निर्धारित थी। मंदिर प्रवेश द्वार के अनुसार फोर्स की तैनाती थी, लेकिन अब सब कुछ बदल गया है। अब नए सिरे से रोड जोन, यलो जोन आदि का निर्धारण होगा।

मोबाइल मंदिर में ले जाने पर भी मंथन : मंदिर में मोबाइल ले जाने से सुरक्षा व्यवस्था को क्या खतरा हो सकता है। कमेटी इस पर बकायदा अध्ययन करेगी। अगर कमेटी यह कहती है कि मोबाइल सुरक्षा में बाधा है तो बकायदा उसे तकनीकी दृष्टि से बताना होगा। उपाय भी तलाशे जाएंगे। अगर सब कुछ ठीक रहा तो मोबाइल ले जाने की छूट दी जा सकती है। अगर, कोई उपाय नहीं निकल पाएगा तो इसे रखवाने की व्यवस्था होगी।

ड्रोन सर्वाधिक खतरे की श्रेणी में : धाम की सुरक्षा व्यवस्था में ड्रोन को लेकर खासा चिंता जाहिर की गई। नई तकनीकी के जरिए इस पर कैसे रोक लग सकती है। इससे होने वाले नुकसान से कैसे बचाव हो सकता है आदि विषय पर कमेटी अध्ययन करेगी।