नई दिल्ली । टीआरएस और बीजेपी इन दिनों एक-दूसरे पर हमलावर हैं। दो दिनों तक पोस्टर्स के जरिए चली लड़ाई अब भाषाई रंग ले चुकी है। जहां टीआरएस ने पीएम नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए गुजराती का सहारा लिया, वहीं बीजेपी ने एआईएमआईएम के साथ पिंक पार्टी के करीबी संबंधों को उजागर करने के लिए उर्दू की ओर रुख किया। दोनों पार्टियां हाल के महीनों में सोशल मीडिया पर तीखी नोकझोंक में शामिल रही हैं, लेकिन यह पहली बार है जब उन्होंने एक-दूसरे को निशाना बनाने के लिए अलग-अलग भाषा का इस्तेमाल किया है। टीआरएस ने अपने आधिकारिक हैंडल से पीएम मोदी के लिए गुजराती में आठ सवाल पोस्ट किए, जिसमें कहा गया कि वह यही भाषा सबसे अच्छी तरह समझते हैं। इसमें ईंधन की कीमतों और मुद्रास्फीति से लेकर तेलंगाना से सौतेले व्यवहार तक के मुद्दों पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई। भगवा पार्टी ने जवाबी कार्रवाई के लिए उर्दू को चुना, जो टीआरएस-एआईएमआईएम की दोस्ती का साफ संकेत है। इसने टीआरएस सरकार की 13 'विफलताओं' पर सवाल पूछे। जैसे कि किसानों की आत्महत्या, सुनहरे तेलंगाना का अधूरा सपना और कर्ज का मुद्दा। एक भाजपा नेता ने कहा कि हमारे अल्पसंख्यक मोर्चा ने उनके व्यंग्यात्मक गुजराती ट्वीट के बाद उर्दू में जवाब दिया।