फीफा विश्व कप 2022 के दौरान नॉकआउट मैचों में पुर्तगाल के कोच ने रोनाल्डो को काफी समय तक बेंच पर बैठाए रखा। पहले उनकी जगह युवा गोंसालो रोमोस को मौका दिया गया और प्री क्वार्टर फाइनल मैच में उन्होंने तीन गोल कर टीम को जीत भी दिलाई। इसके बाद अगले मैच में रोनाल्डो शुरुआती टीम का हिस्सा नहीं थे। उन्हें आखिरी के 30 मिनट मैदान पर उतारा गया, लेकिन वह भी टीम को हार से नहीं बचा सके।

दुनिया के सबसे महान फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक रोनाल्डो को अहम मैच में बेंच पर बैठाने से पुर्तगाल के कोच की काफी आलोचना हुई थी। रोनाल्डो की पत्नी जॉर्जिना ने भी इस मामले पर अपना गुस्सा जाहिर किया था। अब तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने इस मामले में नया खुलासा किया है। रेसेप ने कथित तौर पर कहा है कि पुर्तगाली सुपरस्टार फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो को 2022 फीफा विश्व कप में 'राजनीतिक प्रतिबंध' के कारण बाहर किया गया था।

कई मीडिया रिपोर्ट में एर्दोगन के हवाले से कहा गया कि कतर में विश्व कप के दौरान रोनाल्डो का इस्तेमाल सही से नहीं किया गया और उनकी टीम पुर्तगाल विश्व कप में मोरक्को से हारकर क्वार्टर फाइनल से बाहर हो गई। 37 वर्षीय रोनाल्डो को उस मैच में सब्स्टीट्यूट के रूप में इस्तेमाल किया गया और पुर्तगाल 1-0 से हार गया। मैनचेस्टर यूनाइटेड और रियल मैड्रिड के पूर्व स्टार फुटबॉलर स्विट्जरलैंड के खिलाफ मैच में भी पुर्तगाल के शुरुआती 11 खिलाड़ियों में शामिल नहीं थे।

रोनाल्डो इसी विश्व कप में पांच अलग-अलग विश्व कप में स्कोर करने वाले पहले पुरुष फुटबॉलर बने थे। पुर्तगाल के विश्व कप से बाहर होने के बाद वह काफी भावुक हो गए थे और रोने लगे थे, क्योंकि इस हार के साथ ही रोनाल्डो के विश्व चैंपियन बनने का सपना टूट गया था।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एर्दोगन ने रविवार को पूर्वी एरजुरम प्रांत में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, "उन्होंने रोनाल्डो को बर्बाद कर दिया है। दुर्भाग्य से, उन्होंने उन पर राजनीतिक प्रतिबंध लगा दिया है। रोनाल्डो फिलिस्तीनी के समर्थन में खड़े हैं।" मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि "रोनाल्डो ने कभी भी इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर कोई सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया है।"

एर्दोगन ने यह भी कहा कि, "रोनाल्डो जैसे फुटबॉलर को मैच के आखिरी 30 मिनट में मैदान पर भेजने से वह मानसिक रूप से प्रभावित हुए और उनकी ऊर्जा भी खत्म हो गई।रोनाल्डो फिलहाल किसी क्लब के साथ नहीं जुड़े हुए हैं। वह विश्व कप से पहले प्रीमियर लीग क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड से बाहर हो गए। हालांकि, ऐसी खबरें हैं कि सऊदी अरब के क्लब अल नासर से उन्हें प्रति वर्ष 200 मिलियन यूरो का वेतन प्रस्ताव मिला है।