आगरा । उप्र के आगरा जिले के थाना इरादतनगर क्षेत्र में छह माह पूर्व हुई मुठभेड़ फर्जी थी। न्यायालय ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के गांव गडौरा निवासी वादिया ममता देवी ने अपने बेटे आकाश के एनकाउंटर के बाद कोर्ट की शरण ली थी। पीड़िता ने न्यायालय को बताया कि बेटा आकाश 26 सितंबर 2022 को घर से अपने भाई विष्णु के पास आगरा गया था। विष्णु आगरा में केंद्रीय आयुध डिपो में कार्य करते हैं। आकाश फौज में भर्ती होना चाहता था। भाई के पास जाने के साथ ही उसे अग्निवीर भर्ती की जानकारी भी आगरा में सेना भर्ती कार्यालय से लेनी थी, लेकिन उससे पहले ही बेटे की मौत की खबर मिली।
बताया जाता है कि 27 सितंबर 2022 को दोपहर में ममता के पति लाल सिंह को सूचना मिली कि आगरा पुलिस द्वारा आकाश को मुठभेड़ में गोली मार दी है। उसका इलाज आगरा में चल रहा था। वह गंभीर रूप से घायल था, जिसे उपचार के लिए केजी मेडिकल कालेज, लखनऊ में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 13 नवंबर 2022 को केजीएमसी हॉस्पिटल लखनऊ में उसकी मृत्यु हो गई। इस मामले में वादिनी ने खुद कई तथ्यों पर जांच की, जिसके बाद न्यायालय की शरण ली। उसने न्यायालय को बताया कि उसे पूरा विश्वास है कि इरादत नगर पुलिस ने आकाश को अगवा कर जानबूझकर फर्जी मुठभेड़ कर मार दिया। इस मामले में सीजेएम ने मामले को संगीन मानते हुए अज्ञात पुलिसकर्मियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने के आदेश दिए हैं।