गुरदासपुर । पौंग बांध से लगभग 1 लाख 50 हजार क्यूसिक पानी छोड़ने के कारण ब्यास दरिया में स्थिति बहुत ही खराब हो गई है। वहीं धुस्सी बांध में बढ़े जल स्तर से धुस्सी बांध के क्षतिग्रस्त होने से पानी गांवों में प्रवेश कर गया। पानी कब गांवों में आ गया लोगों को पता ही नहीं चला। स्थिति को देखकर लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकालने के लिए जिला प्रशासन की मदद से एनडीआरएफकी टीमें भी जिला गुरदासपुर के बाढ़ प्रभावित इलाके में पहुंच गई है। धार्मिक स्थानों से भी लगातार लोगों को गांवों से बाहर सुरक्षित स्थानों पर चलने को कहा जा रहा है। 
जानकारी के अनुसार जगतपुर कलां के पास से धुस्सी बांध टूट जाने के कारण दरिया का पानी धुस्सी के पास इलाकों में पहुंच गया है। हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों हुई भारी बारिश के कारण मंगलवार को पौंग बांध से 1.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जगतपुरा टांडा, भैणी पसवाल के ऊपरी इलाकों में ब्यास  दरिया उफान पर आ गई है। तटबंध में दरार आ गई है, जिसके कारण निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है। जिला प्रशासन ने गांवों के निवासियों को तुरंत सुरक्षित/ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए कहा है। सुबह से लेकर रात तक उपायुक्त डॉ.हिमांशु अग्रवाल पुराना शाला, दाओवाल पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। जिला प्रशासन की बचाव एवं राहत टीमें मंगलवार से ही बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। इस बीच मंगलवार की रात एनडीआरएफ की टीमें भी पहुंच गई हैं, उन्होंने बुधवार सुबह से बचाव कार्य शुरू कर दिया है। इसके अलावा भारतीय सेना और बीएसएफ की टीमें भी बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
उन्होंने लोगों से बचाव दल के साथ सहयोग करने की अपील की है। उपायुक्त डॉ. अग्रवाल ने कहा कि ब्यास नदी के कारण उत्पन्न होने वाली आपात स्थिति से निपटने के लिए टीम पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने बताया कि गुरदासपुर-मुकेरियां मार्ग पर भी पानी आने के कारण एहतियात के तौर पर मुकेरियां पुल को बंद किया गया है। इतना ही नहीं गुरदासपुर-मुकेरियां यातायात को दीनानगर राजमार्ग पर मोड़ दिया गया है। उपायुक्त ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाके से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है और पूरी स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि पौंग बांध से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा कम कर दी गई है। जिससे ब्यास नदी में जल स्तर कम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पुराना शाला के स्कूल में एक राहत शिविर स्थापित किया गया है और चिकित्सा और पशु चिकित्सा विभाग सहित सभी टीमें पूरी तरह से तैयार हैं और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं।