महाशिवरात्रि के बाद लोगों को चैत्र नवरात्रि का इंतजार रहता है. सनातन धर्म में चैत्र नवरात्रि का बड़ा महत्व है. क्योंकि, इसी पर्व से हिंदू नववर्ष भी शुरू होता है. सनातन धर्म में नए साल के साथ शुभ कार्य भी शुरू होते हैं. ऐसे में बहुत से लोगों को चैत्र नवरात्रि का इंतजार रहता है. यह भी जिज्ञासा रहती कि इस बार नवरात्रि कितने दिन की है? नवरात्रि पर माता की सवारी भी मायने रखती है, क्योंकि उसका शुभ-अशुभ प्रभाव लोगों के साथ-साथ देश की स्थिति पर भी पड़ता है. तो आइए इस सभी सवालों का जवाब जानते हैं…

देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Local 18 को बताया कि चैत्र के महीने मे हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. चैत्र और शारदीय नवरात्र ये दोनों नवरात्री माता दुर्गा के भक्तों के लिए खास रहती हैं. वहीं, चैत्र नवरात्रि की शुरुआत चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. इस साल प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल को रात 2 बजकर 11 मिनट से शुरू हो रही है. लेकिन, घटस्थापना 9 अप्रैल को होगी, इसलिए चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से ही मानी जाएगी, जिसका समापन 17 अप्रैल को होगा. इस बार चैत्र नवरात्रि पूरे 9 दिन की होगी, किसी तिथि की हानि नहीं है.

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल को होगा. ज्योतिषाचार्य ने Local 18 को बताया कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, कलश स्थापना के दो शुभ मुहूर्त हैं. पहला 9 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 21 मिनट से लेकर और 10 बजकर 35 मिनट तक है. वहीं, उसी दिन अभिजीत मुहूर्त भी है जो 11 बजकर 57 मिनट से लेकर 12 बजकर 48 मिनट तक है. माना जाता है कि कोई शुभ कार्य करने के लिए अभिजीत मुहूर्त सबसे उत्तम रहता है.

इस पर सवार होकर आएंगी भगवती
नवरात्रि में माता दुर्गा का वाहन घोड़ा, हाथी, नाव इत्यादि होता है, जो कुछ न कुछ संकेत देता है. वहीं, इस बार चैत्र नवरात्रि पर माता दुर्गा का आगमन घोड़े पर होने रहा है, जो देश के लिए शुभ संकेत नहीं है. घोड़ा पर सवार होकर आना सत्ता परिवर्तन का संकेत देता है.