भारत का लोकतंत्र भले ही विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है लेकिन इस लोकतंत्र के नेताओं की ज़बान बेलगाम होती है और उनकी बदजबानियों का पूरी दुनिया में खूब मज़ाक उड़ाया जाता है। उनकी अशिष्ट बातें न केवल संसद और विधानसभाओं में ही सुनी-सुनाई जाती है अपितु जब वे जनसभाओं या मीडिया के सामने होते हैं तब भी उनकी असंसदीय शब्दावलियाँ चरित्र-हनन करने वाली होती हैं। ज़रूरत से ज़्यादा स्वच्छंदता का फायदा उठाकर मर्यादित आचरण का अतिलंघन करने वाले ये लोकनायक नेतागण जनता के समक्ष कैसे-कैसे आदर्श प्रस्तुत करते हैं? वे अपनी औकात से बाहर आकर बुद्धिजीवियों, वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, शिक्षकों, धार्मिक नेताओं जैसे समाज के अग्रणी नागरिकों के लिए भी गाली-गुफ्ता करने से बाज नहीं आते हैं। जिन्हें अपने वाक्-वक्तृत्व से आम आदमी के सामने एक अनुकरणीय मिसाल पेश करना चाहिए, वे ऐसे असामाजिक और अशिष्टतापूर्ण भाषा का प्रयोग करते हैं कि पागल कुत्ते के बेवज़ह भौंकने को भी उससे बेहतर समझा जाएगा। 
इस बात पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए कि नेताओं-राजनेताओं की अमर्यादित भाषा आम आदमी की जबान पर भी चढ़ जाती है तथा लोगबाग किसी अशिष्ट नेता की बातें जुमलों की तरह बोलकर उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व का मखौल उड़ाते हैं। ऐसे नेताओं को शर्म से चुल्लू-भर पानी में डूब मरना चाहिए। अनेक नेता तो ऐसे भी हैं जो बिना तैयारी के सभाओं में चले जाते हैं और जिन्हें यह भी पता नहीं रहता कि वे क्या बोल रहे हैं तथा उनकी अलपटप भाषणबाजी का मतलब क्या है? भला हो ऐसे लोकतंत्र का, जहाँ की राजसभाओं में चुनकर जाने के लिए कोई शैक्षिक योग्यता तथा आचरण-संहिता निर्धारित नहीं है जबकि इन चुने हुए जनप्रतिनिधियों के निजी सलाहकार और निजी सचिव कितने पापड़ बेलकर और बड़ी-बड़ी प्रतियोगिताएं-परीक्षाएं पास करके उनके तलवे चाटते हैं। बड़े-बड़े प्रशासनिक अधिकारी और अनुभवी कर्मचारी इन्हें जूते पहनाने के लिए इनके पीछे भागते-फिरते हैं। यदि ऐसा कुछ फायदों के लिए किया जाता है तो इन अधिकारियों को भी चुल्लू-भर पानी में डूब मरना चाहिए। कितनी बड़ी हास्यास्पद स्थिति है। 
इसलिए, इन बिगड़ैल नेताओं और जनप्रतिनिधियों से अनुरोध है कि वे अपनी बदज़बानी को लगाम दें और वे ऐसा कुछ भी न बोले, न करें जिससे जनता का चरित्र गिरे और समाज में अराजकता का माहौल हो। इस लोकतंत्र के खेवनहार को हर प्रकार से संयम-अनुशासन धारण करना होगा और अपने क्षुद्र निहित स्वार्थों से ऊपर उठकर देश और जनता का आदर्श कर्णधार बनना होगा। 
न्यूज़ सोर्स : wewitnessnews.com