नई दिल्ली ।  दिल्ली में 2 और नए मेट्रो कॉरिडोर बनेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक के बाद मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि आज 2 नए मेट्रो कॉरिडोर को कैबिनेट ने मंजूरी दी। पहली- लाजपतनगर से साकेत जी ब्लाक तक, दूसरा- इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ तक मेट्रो कॉरिडोर को मंजूरी दी गई। इसमें 8400 करोड़ रुपए की लागत आएगी। 2029 तक ये पूरा होगा। इससे सफर का समय और पैसा बचेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली एनसीआर में मेट्रों का पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बहुत बड़ा योगदान है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के चरण-4 परियोजना के दो नए गलियारों को मंजूरी दे दी, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो कनेक्टिविटी में और सुधार होने की उम्मीद है। इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ तक12।377 कि मी और लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक 8.385 किमी मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। दिल्ली मेट्रो के चरण-4 प्रोजेक्ट के इन दोनों कॉरिडोर की कुल परियोजना लागत 8,399 करोड़ रुपये है, जो भारत सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय फंडिंग एजेंसियों से ली जाएगी। इन दो लाइनों में 20.762 किलोमीटर शामिल होंगे। इंद्रलोक – इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर ग्रीन लाइन का विस्तार होगा और रेड, येलो, एयरपोर्ट लाइन, मैजेंटा, वॉयलेट और ब्लू लाइनों के साथ इंटरचेंज प्रदान करेगा, जबकि लाजपत नगर – साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर सिल्वर, मैजेंटा, पिंक और बैंगनी रेखाएं जोडेंगी। लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर पूरी तरह से एलिवेटेड होगा और इसमें आठ स्टेशन होंगे। इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर में 11.349 किलोमीटर लंबी भूमिगत लाइनें और 1.028 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड लाइनें होंगी, जिसमें 10 स्टेशन होंगे। इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लाइन हरियाणा के बहादुरगढ़ क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, क्योंकि इन क्षेत्रों के यात्री सीधे इंद्रप्रस्थ के साथ-साथ मध्य और पूर्वी दिल्ली के विभिन्न अन्य क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए ग्रीन लाइन पर यात्रा करने में सक्षम होंगे। इन कॉरिडोर पर इंद्रलोक, नबी करीम, नई दिल्ली, दिल्ली गेट, इंद्रप्रस्थ, लाजपत नगर, चिराग दिल्ली और साकेत जी ब्लॉक में आठ नए इंटरचेंज स्टेशन बनेंगे। ये स्टेशन दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की सभी परिचालन लाइनों के बीच इंटरकनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार करेंगे। दिल्ली मेट्रो पहले से ही अपने विस्तार के चौथे चरण के तहत 65 किलोमीटर का नेटवर्क बना रही है। इन नए गलियारों के मार्च 2026 तक चरणों में पूरा होने की उम्मीद है।दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएमआरसी) ने बोली-पूर्व गतिविधियां और निविदा दस्तावेज तैयार करना पहले ही शुरू कर दिया है।