रायपुर में मंगलवार को राज्योत्सव के जश्न की शुरुआत हो गई है। तीन दिनों तक चलने वाले इस जश्न के साथ आदिवासी नृत्य महोत्सव का भी आगाज हुआ है। राज्यगीत अरपा पैरी की धार गायन के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने नगाड़ा बजाकर महोत्सव की शुरुआत की। मांदर की थाप पर मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष थिरक उठे। इस दौरान सीएम भूपेश बघेल को संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने जनजातीय समूह का प्रतीक चिह्न मांदर भेंट किया। 

साइंस कॉलेज मैदान में शुरू हुए इस महोत्सव में देश-विदेश से आए 1500 से ज्यादा कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। दुनियभर की आदिवासी संस्कृति एक मंच पर उतर आई। नृत्य दलों ने सामूहिक कदमताल से अनेकता में एकता की माला पिरोई। 

पुरातन सभ्यता और संस्कृति के रंग एक साथ घुलमिल गए। सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत नर्तक दलों के मार्च पास्ट और परेड से हुई। इजिप्ट से आए लोक कलाकार सारे जहां से अच्छा गीत की धुन पर रैंप पर उतरे। इसके बाद इंडोनेशिया, मालदीव, मोजम्बिक के दल ने लोगों का मन मोह लिया। 
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टोगो के कलाकार अपने राष्ट्रीय ध्वज के साथ परम्परागत वाद्य यंत्र जेस्ट के साथ परेड में शामिल हुए। हरे, पीले, लाल रंग के पोशाक पहने, साथ ही पारंपरिक मुकुट पहन कर कलाकारों ने प्रस्तुति दी। विदेशी नर्तक दलों के बाद भारतीय दलों की प्रस्तुति शुरू हुई। सभी राज्यों ने  बारी-बारी से अपनी प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोहा।