लखनऊ । इत्तिहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान ने हरियाणा के भिवानी में दो मुस्लिम पुरुषों की हालिया हत्याओं पर प्रतिक्रिया करते हुए मांग की है कि विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल जैसे दक्षिणपंथी संगठनों को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की तरह ही आतंकवादी संगठन घोषित किया जाए और उन पर प्रतिबंध लगाया जाए।
आईएमसी प्रमुख ने एएनआई के हवाले से कहा था भिवानी की घटना 16 फरवरी को हुई थी, लेकिन हमने अपनी चुप्पी बनाए रखी है। हमारे बच्चों जुनैद और नासिर पर झूठे आरोप लगाए गए और उनकी हत्या कर दी गई। जब आरोपियों के समर्थन में बैठकें और महापंचायतें हुईं, तब हमें लगा कि हत्याएं और मॉब लिंचिंग भारत में आम हो गए हैं। उन्होंने कहा जिस तरह से पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया गया था, वीएचपी और बजरंग दल को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाना चाहिए और उन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि भिवानी में जो कुछ हुआ उससे हिंदू समुदाय को भी गलत संदेश जाता है। वे सोच सकते हैं कि अगर वे इस तरह के कृत्यों में शामिल होते हैं, तो उन्हें भी नायक के रूप में लेबल किया जाएगा। प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए अन्यथा स्थिति और भी खराब हो जाएगी। जुनैद और नासिर के जले हुए शव 16 फरवरी को भिवानी में पाए गए थे। दोनों पीड़ितों का कथित तौर पर गो-रक्षकों द्वारा अपहरण और हत्या कर दी गई थी। उनके परिवारों ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बजरंग दल से कथित रूप से जुड़े पांच लोगों का नाम लिया था।
अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान पुलिस को जुनैद और नसीर के अपहरण और हत्या के बाद दर्ज प्राथमिकी में नामजद आठ आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत मिले हैं। हालांकि, मामले में बजरंग दल के सदस्य मोनू मानेसर की भूमिका की अभी भी जांच की जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि सभी आरोपी कथित पशु तस्करों को पकड़ने के लिए गोरक्षकों के तौर पर एक निजी अभियान चला रहे थे। इसी क्रम में उन्होंने एक बोलेरो कार को रोका जिसमें जुनैद और नसीर सवार थे। 
आरोपियों ने दोनों की पिटाई की उन्होंने कहा क्या दोनों पीड़ितों को पीटने के बाद हरियाणा पुलिस के पास ले जाया गया था, इसकी अभी भी जांच की जा रही है। मामले में गिरफ्तार आरोपी रिंकू सैनी से पूछताछ के आधार पर वाहन को जब्त कर लिया गया है। बजरंग दल ने कहा कि बिना सबूत पार्टी के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज करना गलत है। हरियाणा पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर 30 से 40 अज्ञात राजस्थान पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है कि उसकी गर्भवती बहू ने अपने बेटे को पकड़ने के लिए छापेमारी के दौरान कथित तौर पर उसके साथ मारपीट की थी।