छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित पर्यटन स्थल मैनपाट के तराई क्षेत्र में गुरुवार सुबह एक जलती हुई कार में मिले कंकाल की पहचान हो गई है। कंकाल SECL कर्मचारी का निकला। अंदेशा है कि कर्मचारी की हत्या या फिर जानलेवा हमला करने के बाद कार में आग लगाई गई।

जानकारी के मुताबिक, दर्शनीय स्थल मैनपाट के मेहता प्वाइंट से होकर कापू की ओर जाने वाले मार्ग पर सुबह लोगों ने जलती हुई एक कार देखी। कार लावारिस हालत में खड़ी हुई थी। लोग पास में पहुंचे तो देखा कि कार के पीछे की सीट पर एक नरकंकाल है। इसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद मैनपाट थाना प्रभारी विजय प्रताप और रायगढ़ के  कापू थाना प्रभारी बीएस पैकरा पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। 

सूचना पर अंबिकापुर से फारेंसिक एक्सपर्ट कुलदीप कुजुर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। कापू थाना प्रभारी बीएस पैकरा ने बताया कि जांच के बाद कार के इंजन और चेचिस नंबर से कार मालिक का पता चला। पुलिस ने कार मालिक के परिजनों से बात की तो वे मौके पर पहुंचे। परिजनों ने जल चुके शव की पहचान हाथ के कड़े और पहनी हुई अंगूठी से बरौद रायगढ़ निवासी सालिक राम भगत (55) के रूप में की है। 

परिजनों ने पुलिस को बताया कि सालिक राम भगत बुधवार को पत्नी को लेकर सीतापुर के पास ग्राम सूर आया था। वहां से पत्नी को छोड़कर वह कापू के लिए निकला था। कापू में उसकी खेती की जमीन है। गुरूवार को धान बेचने के लिए उसे टोकन मिला था। कापू के बाद सालिक राम भगत किसके साथ और क्यों मैनपाट पहुंचा, इसकी जानकारी परिजन नहीं दे सके पुलिस के लिए पहेली उलझ गई है। फिलहाल प्रथम दृष्टया अंदेशा है कि कर्मचारी की हत्या या फिर जानलेवा हमला करने के बाद कार में आग लगाई गई।