नई दिल्ली । दिल्ली में कश्मीरी गेट के अपोजिट यमुना किनारे बने जिस वासुदेव घाट पर कुछ समय पहले तक गंदगी और मलबे का अंबार लगा हुआ था और चारों तरफ दुर्गंध फैली हुई थी और नशा करने वाले लोगों का जमघट लगा रहता था उसकी सूरत अब पूरी तरह से बदल गई है। यहां अब हर शाम यमुना की आरती होगी। एलजी वीके सक्सेना की पहल पर डीडीए ने इस पूरे इलाके का कायाकल्प करके वासुदेव घाट को डिवेलप कर दिया है। न केवल घाट बल्कि उसके आसपास के पूरे इलाके का सौंदर्यीकरण करके रिंग रोड पर भी कई जगह आकर्षक कलाकृतियां और फव्वारे लगा दिए गए हैं।
अब यह जगह परिवार या दोस्तों के साथ घूमने के एक नए स्पॉट के रूप में दिल्ली के लोगों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मंगलवार शाम एलजी ने औपचारिक रूप से पुनर्विकसित किए गए वासुदेव घाट को दिल्ली की जनता को समर्पित किया। इस अवसर पर डीडीए के वाइस चेयरमैन शुभाशीष पांडा, बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता, ओमप्रकाश शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा एलजी की पत्नी भी मौजूद रहीं। वासुदेव घाट पर भव्य यमुना आरती की भी शुरुआत की गई। 
इस घाट को री-डिवेलप करने का ज्यादातर काम पिछले साल ही पूरा हो गया था और यह काफी पहले ही जनता को समर्पित हो जाता लेकिन पिछले साल जुलाई में आई बाढ़ ने इस पूरे इलाके को खासा नुकसान पहुंचाया जिससे यहां चल रहा री-डिवेलपमेंट का काम भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। डीडीए ने फिर से यहां पुनर्विकास का काम शुरू किया जो अब जाकर पूरा हुआ है। वासुदेव घाट को दिल्लीवासियों को समर्पित करते हुए एलजी ने दिल्ली के लोगों को बधाई दी।
उन्होंने विभिन्न धर्म गुरुओं के साथ यमुना की आरती में भी हिस्सा लिया। एलजी ने कहा कि यमुना को पुनर्जीवित करने और लोगों को यमुना से जोड़ने का यह एक सार्थक प्रयास है जो आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि पारंपरिक छतरियों, बारादरी, हाथियों की मोहक कलाकृतियों और एक विशाल घंटे से सुज्जित यह घाट दिल्ली के लोगों के लिए एक नया अनुभव होगा जहां बनारस की गंगा आरती की तर्ज पर यमुना जी की आरती की जाएगी। साथ ही नदी के किनारे पैदल चलने के लिए रास्ते और हरित क्षेत्र भी विकसित किए गए हैं। एलजी ने इस अवसर पर डीडीए की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि एक साल पहले तक गंदगी, कचरे और बदबू से भरे इस घाट का कायाकल्प डीडीए की दृढ़ इच्छाशक्ति और अथक परिश्रम का नतीजा है जो यह सिद्ध करता है कि यमुना की सफाई असंभव नहीं है। यह दिल्ली में यमुना का पहला ऐसा घाट है जिसे डीडीए ने डिवेलप किया है।
16 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस घाट की लंबाई 145 मीटर है। यमुना तक पहुंचने के लिए घाट से 25 कदम आगे जाना पड़ता है। घाट के किनारे 5 हेक्टेयर क्षेत्र को 4 बाग की तर्ज पर ग्रीन बनाया गया है। राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन की तर्ज पर यहां बारादरी और पारंपरिक छतरियां बनाई गई हैं। मां यमुना की मूर्ति लगाने के अलावा कवर्ड पवेलियन और फ्लावर बेड भी बनाया गया है जहां पर लोगों को मौसमी फूलों के अलावा ट्यूलिप के फूल भी दिखाई देंगे। इस घाट पर अब रोज शाम यमुना आरती भी हुआ करेगी। इसके लिए डीडीए ने एक रजिस्टर्ड सोसायाटी से एमओयू साइन किया है। यहां आकर्षक लाइटिंग भी की गई है। साथ ही 2.1 मीटर चौड़ा और 1.8 किमी लंबा पेडस्ट्रियन ट्रैक बनाया गया है। इसके अलावा 2.8 मीटर चौड़ा और 1.3 किमी लंबा साइकिल ट्रैक भी बनाया गया है।