गाजियाबाद । प्रदूषण के मद्देनजर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने प्री - स्कूल से 9वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए सात से 10 नवंबर तक स्कूल बंद रखने और ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के आदेश दिए हैं, जिससे कि विद्यार्थियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। जिले में प्रदूषण का ग्राफ बढ़ रहा है, जिसके मद्देनजर स्कूल बंद करने की मांग अभिभावकों द्वारा की जा रही थी। उनको विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की चिंता सता रही थी। जिलाधिकारी ने मंगलवार शाम को सभी स्कूलों को नौंवी कक्षा तक के विद्यार्थियों को आनलाइन माध्यम से पढ़ाई कराने के लिए आदेश जारी किया है। धुंध, धुआ और धूल से बच्चे, युवा और बुजुर्ग बीमार और परेशान हैं। किसी की आंखों में जलन है तो किसी के सीने में चुभन हो रही है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में पांच साल से कम उम्र के बीमार बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। अकेले जिला एमएमजी अस्पताल में पिछले सात दिन में पहुंचे कुल 11221 मरीजों में 2133 बच्चे पहुंचे हैं। इनमें से 213 बच्चों को निमोनिया की शिकायत पर भर्ती कराया गया है। चिकित्सकों का कहना है कि अधिकांश बच्चों को निमोनिया की शिकायत होने की वजह वायु प्रदूषण का बढ़ना है। बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता अन्य वर्ग के लोगों से बेहद कमजोर होती हैा ऐसे में तीनों अस्पतालों में वर्तमान में भर्ती 121 बच्चों का बाल रोग विशेषज्ञों की निगरानी में इलाज चल रहा है और कुछ जरूरी दवाएं तत्काल प्रभाव से ओपीडी के साथ इमरजेंसी में उपलब्ध कराई गई है। जिला महिला अस्पताल में पहुंचे 140 बच्चे, आठ नर्सरी में भर्ती मंगलवार को जिला महिला अस्पताल की ओपीडी में कुल 553 मरीज पहुंचे। इनमें बीमार बच्चों की संख्या 140 रही। आठ बच्चों को हालत बिगड़ने पर नर्सरी में भर्ती किया गया है। नर्सरी में भर्ती बच्चों का वजन सामान्य से बहुत कम हैं। दो की स्थिति क्रिटिकल है। सीएमएस डा. सुमाता तालिब ने बताया कि कुल 28 में 20 सामान्य और आठ सिजेरियन प्रसव कराये गए हैं।