देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड की वकालत की थी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में आईपीसी एक है, सीआरपीसी एक है, एविडेंस एक्ट एक है तो देश के सभी नागरिकों के लिए एक तरह का कानून क्यों नहीं?

पीएम मोदी के इस बयान के बाद इस बात की अटकलें भी तेज हो गई थी कि जल्द ही देश के संसद में मोदी सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल का प्रस्ताव भी पेश कर सकती है। वहीं, देश के विपक्षी नेताओं सहित कई लोगों का मानना है कि यह कानून इस देश के लिए सही नहीं है।

यूसीसी को लेकर देश में हो रहे जुबानी जंग के बीच आपको यह बता दें कि इस देश में एक ऐसा भी राज्य है, जहां 1867 से ही यूनिफॉर्म सिविल कोड (गोवा सिविल कोड) लागू है।इतिहास के पन्नों पर जरा नजर डालें तो 1510 से पुर्तगालियों ने गोवा पर कब्जा करने की शुरुआत कर दी। इस राज्य में 451 सालों तक पुर्तगालियों का शासन रहा। इस दौरान पुर्तगाली शासन ने गोवा में कई कानूनों को लागू किए, जिनमें एक कानून, पुर्तगाल सिविल कोड भी है। इस कानून की रूपरेखा गोवा में नहीं, बल्कि पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन के अजूडा नेशनल पैलेस में तैयार की गई थी।