नई दिल्ली। दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के साथ अनुबंध के आधार पर स्टेनोग्राफर के रूप में कार्यरत एक महिला को मातृत्व लाभ देने के एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने के लिए दिल्ली सरकार के निर्णय पर गंभीर सवाल उठाया। वयस्क महिलाओं को एक हजार रुपये देने संबंधी आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना का भी जिक्र करते हुए अदालत ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि जो सरकार इस योजना का खूब प्रचार कर रही है उसने एक महिला को लाभ देने वाले आदेश को चुनौती देने का फैसला किया। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली व न्यायमूर्ति शलिंदर कौर की पीठ ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसकी अपील गलत थी क्योंकि एकल-न्यायाधीश के आदेश ने पांच साल से अधिक समय तक उपभोक्ता आयोग की सेवा करने वाली एक युवा महिला को लाभ दिया था। दिल्ली सरकार की अपील याचिका खारिज करते हुए अदालत ने महिला को चार सप्ताह के अंदर 50 हजार की लागत का भुगतान करने का आदेश दिया।