हिंदू धर्म और ज्योतिषशास्त्र में ग्रहण को बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। अभी कुछ दिनों पहले जहां साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था तो वही अब तीन दिन बाद साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है।

इस बार चंद्र ग्रहण 5 मई दिन शुक्रवार को लगने जा रहा है। ग्रहण काल को लेकर ज्योतिषशास्त्र में कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई है।

जिसके अनुसार ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को कुछ नियमों का पालन करना होता है वरना इसका अशुभ प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर भी होता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को किन नियमों का पालन करना चाहिए इसके बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते है।

चंद्र ग्रहण लगने का समय-
आपको बता दें कि इस बार साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई दिन शुक्रवार को रात्रि 8 बजकर 46 मिनट से शुरू हो जाएगा और रात 1 बजकर 2 मिनट तक रहने वाला है।

नियमों का करें पालन-
ज्योतिष की मानें तो ग्रहण काल के समय गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं जाना चाहिए। बल्कि उन्हें घर में ही रखना चाहिए और अपना ख्याल रखना चाहिए। इस दौरान भोजन पकाने और भोजन करने से भी बचना चाहिए। ना ही किसी धारदार चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसा करने से गर्भ में पल रहे शिशु पर इसका बुरा असर देखने को मिलता है। ग्रहण काल के समय गर्भ धारण किए हुए महिलाओं को भूलकर भी सोना नहीं चाहिए ऐसा करना वर्जित माना गया है। बल्कि सीधा बैठकर ईश्वर का ध्यान करना चाहिए और मंत्र जाप करते रहना चाहिए। इस दौरान फोन का भी प्रयोग करना ठीक नहीं माना जाता है।