इंदौर को पहली वंदे भारत ट्रेन इंदौर से भोपाल के लिए मिली है, जो इंदौर से दो सौ किलोमीटर दूर है ,जबकि वंदे भारत की मांग इंदौर से जयपुर, ग्वालियर,दिल्ली, नागपुर के बीच चलाने की उठ रही है। चेयरकार होने के कारण रेलवे वंदे भारत ट्रेन को लंबी दूरी के लिए नहीं चला रहा है, लेकिन अगले साल तक इंदौर से दिल्ली के लिए वंदे भारत चलाई जा सकती है। इसके चलने से इंदौर से दिल्ली के बीच दो-ढाई घंटे का समय और कम हो जाएगा।इंदौर से दिल्ली का रेल संपर्क दूसरे शहरों की तुलना में बेहतर है, लेकिन स्टापेज ज्यादा होने के कारण ज्यादातर ट्रेन लंबा समय लेती है और नियमित भी नहीं चलती है। इंदौर से दिल्ली के लिए यात्री सप्ताह मेें तीन दिन चलने वाली इंदौर दिल्ली ट्रेन को पसंद करते है,क्योकि वह सुबह दिल्ली स्टेशन तक पहुंचा देती है। इस ट्रेन को भविष्य में वंदे भारत ट्रेन से बदला जा सकता है।

रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य नागेश नामजोशी ने कहा कि फिलहाल जो वंदे भारत इंदौर को मिली है, हमनेे उसके विस्तार के लिए नागपुर, ग्वालियर का सुझाव दिया था, लेकिन चेयरकार मेें छह घंटे से ज्यादा समय तक चलने वाली ट्रेन में सफर करना यात्रियों के लिए परेशानी भरा रहता है, इसलिए लंबी दूरी की वंदे भारत ट्रेन पर रेलवे विचार नहीं कर रहा है।कोच बनाने वाली फेक्टरियों में वंदे भारत के स्लीपर कोच भी बनाए जा रहे है। अगले साल मार्च के बाद स्लीपर कोच की ट्रेन भी शहरों को मिलेगी। इंदौर से दिल्ली के लिए सप्ताह में तीन दिन चलने वाली ट्रेन को वंदे भारत एक्प्रेस से बदला जा सकता है।